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World Blood Donor Day

रक्त दान



खून चढाने की जरूरत:-

जीवन बचाने के लिए खून चढाने की जरूरत पडती है। दुर्घटना,  रक्त स्त्रा व,  प्रसवकाल और ऑपरेशन आदि अवसरों में शामिल है,  जिनके कारण अत्यटधिक खून बह सकता है और इस अवसर पर उन लोगों को खून की आवश्यंकता पडती है। थेलेसिमिया,  ल्यू‍किमिया,  हीमोफिलिया जैसे अनेंक रोगों से पीडित व्यशक्तियों के शरीर को भी बार-बार रक्त। की आवश्यककता रहती है अन्यूथा उनका जीवन खतरे में रहता है। जिसके कारण उनको खून चढाना अनिवार्य हो जाता है।

रक्तादान की आवश्यकता:-

इस जीवनदायी रक्त  को एकत्रित करने का एकमात्र् उपाय है रक्तकदान। स्वजस्थे लोगों द्वारा किये गये रक्तशदान का उपयोग जरूरतमंद लोगों को खून चढानें के लिये किया जाता है। अनेक कारणों से जैसे उन्न‍त सर्जरी के बढतें मामलों तथा फैलती जा रही जनसंख्याक में बढती जा रही बीमारियों आदि से खून चढाने की जरूरत में कई गुना वृद्वि हुई है। लेकिन रक्तंदाताओं की कमी वैसी ही बनी हुई है। लोगों की यह धारणा है कि रक्तगदान से कमजोरी व नपूसंकता आती है, पूरी तरह बेबूनियाद है।  आजकल चिकित्सा  क्षेत्र में कॅम्पोसनेन्टत थैरेपी विकसित हो रही है,  इसके अन्तूर्गत रक्त  की इकाई से रक्तच के विभिन्न् घटकों को पृथक कर जिस रोगी को जिस रक्तो की आवश्यैकता है दिया जा सकता है इस प्रकार रक्तक की एक इकाई कई मरीजों के उयोग में आ सकती है।

रक्त  कौन दे सकता है?

ऐसा प्रत्येहक पुरूष अथवा महिला:-
1. जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो।
2. जिसका वजन (100 पौंड) 48 किलों से अधिक हो।
3. जो क्षय रोग, रतिरोग, पीलिया, मलेरिया, मधुमेंह, एड्स आदि बीमारियों से पीडित नहीं हो।
4. जिसने पिछले तीन माह से रक्तरदान नहीं किया हो।
5. रक्तेदाता ने शराब अथवा कोई नशीलीदवा न ली हो।
6. गर्भावस्थाे तथा पूर्णावधि के प्रसव के पश्चाोत शिशु को दूध पिलाने की 6 माह की अवधि में किसी स्त्रीर से रक्तथदान स्वीककार नहीं किया जाता है।

कितना रक्त् लिया जाता है?

प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्तन का क्षय होता रहता है ओर प्रतिदिन नया रक्तक बनता है रहता है।
एकबार में 350 मिलीलीटर यानि डेढ पाव रक्तह ही लिया जाता है (कुल रक्तत का 20 वॉं भाग)
शरीर 24 घंटों में दिये गये रक्तक के तरल भाग की पूर्ति कर लेता है।
ब्लाड बैंक रेफ्रिजरेटर में रक्तय 4 - 5 सप्ता ह तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
क्यार रक्त दान से दाता का कोई लाभ होता है?
हॉं। रक्त दान द्वारा किसी को नवजीवन देकर जो आत्मिक आनन्दे मिलता है उसका न तो कोई मूल्यख ऑंका जा सकता है न ही उसे शब्दोंा में व्यदक्तक किया जा सकता है। चिकित्सतकों का यह मानना है कि रक्तजदान खून में कोलेस्ट्रॉील की अधिकता रक्तव प्रवाह में बाधा डालती है। रक्तै दान शरीर द्वारा रक्तन बनाने की क्रिया को भी तीव्र कर देता है। रक्तर के कणों का जीवन सिर्फ 90 से 120 दिन तक का होता है। प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्तत का क्षय होता रहता है और नया रक्तर बनता जाता है इका हमें कोई अनुभव नहीं होता। बहुत से स्त्री -पुरूषों ने नियमित रूप से रक्तत दान करने का क्रम बना रखा है। अतः आप भी नियमित रूप से स्वैरच्छिक रक्तपदान करें,  जिससे रक्तक की हमेशा उपलब्ध।ता बनी रहे कोई सुहागिन विधवा न बने,  वृद्व मॉ-बाप बेसहारा न हो, खिलता यौवन असमय ही काल कलवित न हो आज किसी को आपके रक्तम की आवश्य कता है,  हो सकता है कल आपको किसी के रक्तौ की आवश्यिकता हो अतः निडर होकर स्वै च्छिक रक्त  दान करें।

रक्तक दान कहॉं करें?

रक्तकदान किसी भी लाईसेन्सन युक्तश ब्लहड बैंक में किया जा सकता है। यह सुविधा सभी जिला-चिकित्सावलयों में भी उपलब्धै है। राज्यई के सरकारी 43 एवं निजी क्षेत्र में 18 ब्लिड बैंक लाईसेन्सत युक्तय है। इसके अलावा मान्यता प्राप्त एजेन्सियों जैसे यादव महासंघ  चंडीगढ़ आदि द्वारा समय-समय पर रक्तादान शिविरों का आयोजन किया जाता है। इनमें से किसी भी अधिकृत सील पर आप स्वेक्षा से निश्चित होकर रक्तआदान कर सकते हैं।

रक्त  संचार से पहले जांच?

ब्लड बैंक में जारी करने से पहले रक्तल की प्रत्येवक इकाई का परीक्षण मलेरिया,  सिफलिस,  हिपेटाइटिस (सी) व एच.आई.वी. के लिए किया जाता है ताकि सुरक्षित रक्ता ही मरीज को पहुंचे।

क्या  रक्त दान कष्टकारक या हानिकारक होता है?

1. रक्तय देते समय कोई पीडा नहीं होती है।
2. रक्तयदान करने में 5 से 10 मिनट का समस लगता है।
3. रक्तय देन के पश्चा त आप सभी कार्य सामान्यह रूप से कर सकते हैं।
4. रक्तयदाता के सामान्य‍ स्वा स्य्मा  प कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडता है।
स्वेच्छा से दिया गया रक्त , बेचने वाले के रक्त से अच्छा् होता है क्यों कि:-
स्वेच्छा से रक्त  देने वाला मनुष्य,  मानव मात्र् की सहायता के लिये रक्त  देता है, न की धन के लालच से इसलिए वह किसी प्रकार की वर्तमान या पुरानी बीमारी का बतानें में नहीं हिचकिचाता,  जिससे रक्तक प्राइज़ करने वाले का जीवन खतरें में पड सकता है। रक्तम बेचने वाला धन के लालच में अपने हर रोग को छिपाने का प्रयत्नक करता है। जिससे रक्तै प्राइज़ करने वाले को कई प्रकार की बीमारियां लग सकती है। ओर उसका जीवन भी खतरे में पड सकता है। पेशेवर रक्त‍दाता बिना अन्त राल के जल्दी-जल्दी  रक्तेदान करते हैं जिससे उनके रक्त में गुणवता का भी आभाव हो जाता है।


भारत में दान करने की प्रथा है,  धन व अन्न  दान से भी अधिकतम महान रक्तरदान है क्योकि यह जीवनदान करता है। आओं हम सभी रक्तथ दान-जीवनदान करें।




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